लेखनी प्रतियोगिता -28-Jun-2022रंग भक्ति का
रंग हरि नाम का
हरि नाम का जाएका,
नहीं लगे हर किसी को भला
जिस पर इसका रंग चढ़ा,
उसके मन यह जाएका बसा।
संसार को मोह माया ने घेरा,
कैसे प्रभु से नाता जोड़ा।
जाएका भक्ति रस का कैसे चखना,
दिल तो हरदम माया में भटका।
ईश कृपा से बड़े जाएका,
मन को भला लगे तभी ना।
शबरी सी आस्था हो जाए,
झूठे बेर चख चख कर खिलाएं।
राधा सा प्यार कहां से लाएं,
गोपियो सी चाहत कैसे बन जाएं।
तभी यह भक्ति जायका भाए,
मीरा सी लगी रटना देखो।
नरसी सा फिर भात भरा ,
सुदामा के तंदुल खाए।
भक्त के घर जन्मे आप,
भक्ति का जायका करे कमाल।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
प्रतियोगिता हेतु
Seema Priyadarshini sahay
01-Jul-2022 10:49 AM
बहुत खूब
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Pallavi
29-Jun-2022 06:37 PM
Nice
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Shnaya
29-Jun-2022 03:27 PM
बहुत खूब
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